tag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post1735848898131312127..comments2023-10-08T16:27:46.162+05:30Comments on घोस्ट बस्टर का ब्लॉग: कोई चुप कराओ इस दुष्ट को. ये हमारी दूकान उजाड़ देगा.Unknownnoreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-75707337303568655962008-09-16T09:24:00.000+05:302008-09-16T09:24:00.000+05:30"अरे बस करो. कोई चुप कराओ इस नीच को. ये उल्टे सीधे..."अरे बस करो. कोई चुप कराओ इस नीच को. ये उल्टे सीधे प्रश्न पूछकर सारा धार्मिक सौहार्द्य बिगाड़ देगा."<BR/><BR/>सच है, "शांति" के नाम पर हम असली शांति भंग करने वालों को पूरी छूट दिये हुए हैं!! इस से राष्ट्रीय अखंडता प्रभावित हो रही है!!<BR/><BR/><BR/><BR/>-- शास्त्री जे सी फिलिप<BR/><BR/>-- समय पर प्रोत्साहन मिले तो मिट्टी का घरोंदा भी आसमान छू सकता है. कृपया रोज कम से कम 10 हिन्दी चिट्ठों पर टिप्पणी कर उनको प्रोत्साहित करें!! (सारथी: http://www.Sarathi.info)Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-33587825383101226252008-09-16T08:36:00.000+05:302008-09-16T08:36:00.000+05:30द्विवेदी जी: मन क्यों नहीं करता, यदि आपने इस ओर भी...<B>द्विवेदी जी:</B> मन क्यों नहीं करता, यदि आपने इस ओर भी थोड़ा सा संकेत कर दिया होता, तो खादिम को सुधरने में थोड़ी सुविधा होती. अगर आपका इशारा मेरी टिप्पणी की ओर है तो मेरे ख्याल से आप इसके सन्दर्भ से परिचित नहीं हैं. <BR/><BR/>ये टिप्पणी डॉकटर साब की १२ सितम्बर की पोस्ट (http://c2amar.blogspot.com/2008/09/blog-post_12.html) के जवाब में लिखी गयी है. ये हम दोनों के बीच का एक बिल्कुल व्यक्तिगत मसला है. लगता है कि आप उस पोस्ट को पढने से चूक गए थे. आपसे अनुरोध है कि उसे तुंरत पढ़ लें. डॉक साब की ये पोस्ट एक नायाब मास्टरपीस है. जरा ध्यान दीजियेगा कि इसमें मेरी वाइफ के लिए किन शब्दों का प्रयोग किया गया है. और भी बहुत कुछ है. मेरा दावा है कि उस पोस्ट को पढने के बाद आपको मेरी ये टिप्पणी बहुत ही सभ्य और शालीन प्रतीत होगी, और उचित प्रत्युत्तर भी.<BR/><BR/><B>समीर जी:</B> आपको क्या लगता है बात क्या है?<BR/><BR/><B>पीडी भाई:</B>द्विवेदी जी को दी सफाई में शायद आपको अपनी बात का उत्तर मिल गया होगा. मैं इस तरह की भाषा नहीं लिखता, पर लिखी है तो डॉक बाबू को ये बताने के लिए कि ना लिखता को ना लिख सकता ना समझें.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-47460079745630210712008-09-16T01:13:00.000+05:302008-09-16T01:13:00.000+05:30पोस्ट से कोई शिकायत नहीं है मुझे, मगर आपको नहीं लग...पोस्ट से कोई शिकायत नहीं है मुझे, मगर आपको नहीं लगता है क्या की आपने जवाबी कमेंट जो लिखा है वो.... आगे आप खुद ही भर लें..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-31486956092492757502008-09-16T01:00:00.000+05:302008-09-16T01:00:00.000+05:30बात जो पढ़ रहे हैं वो नहीं है..ऐसा लगता है.बात जो पढ़ रहे हैं वो नहीं है..ऐसा लगता है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-46521040384731676622008-09-16T00:11:00.000+05:302008-09-16T00:11:00.000+05:30घोस्ट बस्टर जी, अब आप के चिट्ठे पर आने का मन नहीं ...घोस्ट बस्टर जी, <BR/>अब आप के चिट्ठे पर आने का मन नहीं करता।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-496738956016365412008-09-15T20:51:00.000+05:302008-09-15T20:51:00.000+05:30Deeply saddened to see this Lady sitting in pool ...Deeply saddened to see this Lady <BR/><BR/>sitting in pool of blood :-(<BR/><BR/> Who is she ? <BR/>( sorry to put my comment in English -<BR/> I'm away from my PC )लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-59865259466127703592008-09-15T19:11:00.000+05:302008-09-15T19:11:00.000+05:30डॉ अम्बर कुमार: आप कौन किसिम के जीवी हैं उस पर तो ...<B>डॉ अम्बर कुमार:</B> आप कौन किसिम के जीवी हैं उस पर तो हम कुछ कहना मुनासिब नहीं समझते, पर आपकी लिखावट (और उसकी गिरावट) देखकर आपके प्रति एक बड़ी घबराहट सी घेर ले रही है.. वो इससे कि आप जैसे स्वनामधन्य टिप्पणीकार जब बिंदी मारकर इटेलिक्स में लिखते जाते हैं तो इस बात से अनजान रहते हैं कि यूँ लगातार केवल टेढ़ा-टेढ़ा लिखने से स्वभाव में किस कदर टेढापन आ जाने का खतरा पैदा हो जाता है. बल्कि सच्चाई तो ये है कि न जाने कहाँ-कहाँ टेढ़ेपन की आफत घेर सकती है. माना ऐसे विज्ञापन खूब देखने को मिलते हैं जो कैसे भी टेढ़ेपन के शर्तिया इलाज का दावा करते हैं, पर आप तो डांगधर ठहरे. खूब समझते होंगे इनकी सच्चाई को. और किसी भी किसम की टटोला-टटोली से तो आप वैसे भी घबराते हैं, तो इलाज कैसे करवा सकेंगे? एक बार इस मुसीबत ने घेर लिया तो फ़िर पारिवारिक जीवन कैसे सुख की राह पकडेगा? हमारी सलाह मानिए और सीधा-सीधा लिखिना सीखिए.<BR/><BR/>बाकी रहा सवाल और लोगों के कर्तव्य निभाने का तो आप उनकी चिंता छोडिये और जिस खूँटिया पर अपना डांगधरी का आला टांग कर ये ढोल्ची गले में सुशोभित कर धांय धांय कूट रहे हैं, उसी की बगल में रखी अलमारी में "बुद्धि कायम चूर्ण" की शीशी भी पडी लुढ़क पुढक हो रही है. जरा नियम से सुबह-शाम फान्कियाँ मारते रहिये. कोई परेशानी नहीं ना फेस करेंगे.<BR/><BR/>सादर.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-62176274022120554052008-09-15T16:53:00.000+05:302008-09-15T16:53:00.000+05:30. हम सच को नकारने वाली कौम के बुद्धिजीवी हैं, जी !....<BR/><BR/><BR/><I> हम सच को नकारने वाली कौम के बुद्धिजीवी हैं, जी !<BR/>हम तो अच्छा अच्छा देखेंगे, हर ओर हरी भरी हरियाली<BR/>हम तो अच्छा अच्छा सुनेंगे, दिल को सहलाती कर्नाटिक संगीत<BR/>हम तो कुछ भी अप्रिय न बोलेंगे, हम गाँधी के छोड़े भये बंदर हैं<BR/>आप इतना सच लिखेंगे, तो हम पढ़ेंगे भी नहीं, बुरा मत पढ़ो...<BR/>टिपियायेंगे भी नहीं, एक दो फोटो और लहाइये न, सच को देख<BR/>कुछ और लोग कम से कम घबड़ाने का कर्तव्य तो निभा लें, सही ?</I>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-22229445038273105402008-09-15T13:42:00.000+05:302008-09-15T13:42:00.000+05:30व्यवस्था के प्रति आपका आक्रोश जायज है।(पर फोटो ...व्यवस्था के प्रति आपका आक्रोश जायज है।<BR/>(पर फोटो से वाकई जी घबरा गया है)जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-34820739268191012372008-09-15T13:09:00.000+05:302008-09-15T13:09:00.000+05:30भैया, यह फोटो हटा लेते। जी घबराता है।भैया, यह फोटो हटा लेते। जी घबराता है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-57033389950243916822008-09-15T12:25:00.000+05:302008-09-15T12:25:00.000+05:30धर्म की परिभाषा कभी कभी मन कहता हैं की आओ सब मिल क...धर्म की परिभाषा<BR/> <BR/>कभी कभी मन कहता हैं <BR/>की आओ सब मिल कर <BR/>एक साथ <BR/>विसर्जित कर दे <BR/>हर धर्म ग्रन्थ को <BR/>हर मूर्ति को <BR/>हर गीता , बाइबल <BR/>कुरान और गुरुग्रथ साहिब को <BR/>एक ऐसे विशाल सागर मे <BR/>जहाँ से फिर कोई <BR/>मानवता इनको बाहर <BR/>ना ला सके <BR/>किस धर्म मे लिखा हैं <BR/>की धमाके करो <BR/>मरो और मारो <BR/>और अगर लिखा हैं <BR/>तो चलो करो विसर्जित <BR/>अपने उस धर्म को <BR/>अपनी आस्था को अपने <BR/>मन मे रखो और <BR/>जीओ और जीने दो <BR/>मानवता अब शर्मसार हो रही हैं <BR/>तुम्हारी धर्म की परिभाषा सेAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-73667079189841729012008-09-15T12:22:00.000+05:302008-09-15T12:22:00.000+05:30बहुत भावावेश में लिखा है आपने ! फोटो देखकर दिल दहल...बहुत भावावेश में लिखा है आपने ! फोटो देखकर दिल दहल गया !Neelimahttps://www.blogger.com/profile/14606208778450390430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-976803987974163848.post-34357399109081358122008-09-15T12:16:00.000+05:302008-09-15T12:16:00.000+05:30yatha naam tatha gun.badhai aapko ghost ko bust ka...yatha naam tatha gun.badhai aapko ghost ko bust karne kiAnil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.com