दो महीने पहले तक जानकारी नहीं थी कि हिन्दी में भी ब्लॉग्स जैसी कोई चीज होती है. दरअसल कंप्यूटर पर हिन्दी के फॉण्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर के सिवाय किसी और ब्राउसर में सही से दिखते ही नहीं थे और इंटरनेट एक्सप्लोरर हम इस्तेमाल करते नहीं थे. तो बस एक दूरी बनी रही.
फिर एक दिन 'दैनिक भास्कर' में हिन्दी ब्लॉग्स पर लेख पढ़ा. पढ़ कर भूल भी गए पर थोडी सी उत्सुकता तो बढ़ी. दो नाम याद रहे जो उसमें आए थे, शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय. तीन-चार दिन बाद थोडी फुरसत के समय इन नामों को गूगल पर सर्च करने बैठे और एक पूरी नयी दुनिया नजर आयी. थोड़ा सा प्रयास करने के बाद हिन्दी के सारे फॉण्ट लोड कर लिए और फिर फायरफॉक्स और ओपरा में भी हिन्दी ब्लॉग्स ठीक से नजर आने लगे.
पर हिन्दी में ब्लॉग लिखने में अभी कुछ समस्याएँ हैं हमारे जैसे नए लोगों को. एक तो देवनागरी में लिखने का कतई अभ्यास नहीं है, सो पूरी तरह गूगल ट्रांसलिटरेशन के भरोसे हैं. दूसरे ब्लॉग एग्रीगेटर पर कैसे दिखें ये जानकारी नही है. अब एग्रीगेटर पर ना दिखें तो लिखने का मतलब क्या?
दो महीने से लगातार हिन्दी ब्लॉग्स पढ़ रहे हैं, तो इतना तो जानते हैं कि बारहा, कैफे हिन्दी आदि टूल्स उपलब्ध हैं, मगर जब इन्हें इंस्टाल करके चलाने का प्रयास किया तो फायरवाल ने चिल्ला कर कहा, "रोको इसे. ये तो तुम्हारी सारी असलियत ताड़ने की कोशिश कर रहे हैं. कोई स्पाई सोफ्टवेयर हैं ये तो." डर कर कदम वापिस खींच लिए. बाद में बुद्धि ने झकझोरा अरे भाई इनका तो काम करने का तरीका ही यही है, जब की-स्ट्रोक्स को पढेंगे तभी तो कन्वर्ट करेंगे देवनागरी में. जान में जान आयी और इंस्टाल कर लिए.
माइक्रोसॉफ्ट की साईट से इंडिक आईएम्ई की जानकारी मिली. सोचा सीधे इसी में हाथ आजमाया जाए. अभ्यास के लिए एक पीडीऍफ़ फाइल बनाई और शुरू हो गए. अभी भी कुछ दिक्कतें हैं पर 'बनती है जिन्दगी में हर बात बनते बनते'. सो धीरे धीरे बात बन ही जायेगी.
अब ब्लॉग तो बन गया पर लिखेंगे क्या? देखते हैं. अपनी रुचियों का संसार बड़ा विस्तृत है. इन विषयों पर कभी कभी उंगलियाँ चला लेंगे (या उठा लेंगे): देश, समाज, खेल, कंप्यूटर, संगीत, फिल्में, ब्लॉगिंग, साहित्य, पुस्तकें वगैरह वगैरह. जब तक मन में शौक और नष्ट करने को समय बचा रहा लिखते रहेंगे.
32 comments:
वाह! वाह!
स्वागत है भइया...खूब लिखिए...रूचि का दायरा बड़ा है, ये तो आपकी टिप्पणियों से ही पता चल गया था जी...बहुत खुशी हुई जी ब्लॉग देखकर.
सही है. स्वागत है. नियमित लेखन के लिये शुभकामनायें.
घोस्टबस्टर का स्वागत है ।
aapkaa swagat hai
सुस्वागतम जी. अब आ जाओ छा जाओ.
घोस्ट बस्टर जी का स्वागत है। लेकिन हिन्दी में ब्लॉगिंग लम्बे समय तक करनी हो और टाइपिंग में समय बचाना हो तो इन्स्क्रिप्ट टाइपिंग का कोई मुकाबला नहीं है। किसी टूल की जरुरत भी नहीं यदि आप के पास एक्सपी है। तो बस उस में हिन्दी टाइपिंग के लिए ट्रेडीशनल य़ा इन्स्क्रिप्ट की बोर्ड को चालू कीजिए और सब कुछ होने लगेगा। इनस्क्रिप्ट हिन्दी के लिए टाइपिंग ट्यूटर भी उपलब्ध है। बाकी जानकारी रवि रतलामी का हिन्दी ब्लॉग पर मिल जाएगी।
स्वागत है भाई!
सार्थक लिखने की कोशिश कीजिए, भुलावा देने वाले एवं उत्तेजक शीर्षकों के चक्कर में न पड़ें, शुभकामनाएं!
आपको खरगोश और कछुए की कहानी तो पता ही है.
आपने सार्थक टिप्पणियां देकर अंदाजा दे ही दिया था कि घोस्ट बस्टर को बस्ट नहीं किया जा सकता. सार्थक पोस्टें भी पढ़ने को मिला करेंगी ये विश्वास है.
स्वागत है, बम बलस्टर जी.. एतना जादा मत सोचिये.. धीरे-धीरे जैसे अभी तक आया है, बकिया भी पटरी पे आ जायेगा..
स्वागत है ।
वाह!
तो आखिरकार आपने बना ही लिया अपना ब्लॉग!
बहुत बढ़िया, बधाई व शुभकामनाएं!
आपकी टिप्पणियों ने तो आपके बारे में लोगों के अंदर उत्सुकता बढ़ा ही रखी है।
सो प्रतीक्षा ही थी आपके ब्लॉग की!!
आशा है आपके इस ठिकाने पे बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा!!
स्वागत है पूर्व जन्म के संबंधी आपका यहां। ये जानकर अच्छा लग रहा है कि आपका ब्लाग पर प्रकट होना सभी को सुहा रहा था अब ब्लागर होना भी भला लग रहा है। जय हो ।
swagat hai bhutnath ji.
स्वागत है आपका इस संसार में...
शुरुवात हो गई है तो लिखना जारी रखें।
"रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान"
चलिये आप घोस्ट से होस्ट तो बने, सु स्वागतम :)
आपका स्वागत है !
अब धड़ल्ली से लिखिये ......
हमारा आना जाना लगा रहेगा ...हम यहाँ हौंट करते रहेंगे ।
प्रेत विनाशक प्रेत का खैरम कदम ।
लिखना शुरू कीजिए।सब एकदम लाइन पे आ जाएगा।
बढाई हो जी.. मैंने तो आपके नाम पर एक गीत बहुत पहले ही अपने चिट्ठे पर डाल चुका हूं.. अब और क्या कहूं भूतों की महिमा को.. :)
जो लिखा सब कुछ समझ में आ गया जो नही समझ में आया वो पूछ रहा हू, ये घोस्ट बस्टर नाम क्यों?
वैसे तो मैं भी नई हूँ इस दुनिया में लेकिन आप का तहे दिल से स्वागत करती हूँ.
खुदा करे ,आप अपनी इस नई दुनिया में बहुत बहुत सफल हों(आमीन)
आपका स्वागत है.आप क्या तांत्रिक हैं ? अगर हैं तो बताइए यहाँ भूत बहुत हैं :-)
हे ब्लाग जगत के संकट मोचक, आपका स्वागत है।
स्वागत, सुस्वागत!!!
अरे गज्जब! स्वागत , सुस्वागत! लिखे, लिखते रहें।
पहली पोस्ट मे ही छा गये ! बधाई !
कुछ लिखिए जनाब....या टिप्प्णियों से ही घायल करते रहेंगे.
@ शिव जी: आपका हार्दिक धन्यवाद. पहला ही कमेंट आपका आया. लक्षण तो बहुत अच्छे दिखते हैं. आगे कोशिश करते हैं.
@ समीर जी: बहुत धन्यवाद.
@ यूनुस जी: बहुत धन्यवाद.
@ स्वपनदर्शी जी: बहुत धन्यवाद.
@ काकेश जी: बहुत धन्यवाद. जी बस आना भर ही हमारे हाथ में है.
@ दिनेशराय द्विवेदी जी: बहुत धन्यवाद. बड़े काम की जानकारी दी आपने. अब इनस्क्रिप्ट में ही अभ्यास करने का इरादा है. रवि रतलामी जी के ब्लॉग से काफी कुछ जानकारी मिली है. आशा है काम आएगी.
@ विजय शंकर जी: सही आगाह किया आपने. धन्यवाद.
@ रवि जी: आपका बहुत शुक्रिया. नए हिन्दी ब्लॉगर्स के लिए आप का ज्ञान और सहयोग अत्यन्त उपयोगी है.
@ प्रमोद जी: कहाँ पटरी पर आया है कुछ? राजेश रोशन जी कह रहे हैं कि हमने जो लिखा वो सब उनकी समझ में आ गया. आपके जैसे लिखना कब सीखेंगे? लगता तो मुश्किल ही है.
@ अभिषेक जी: धन्यवाद.
@ संजीत जी: आपका बहुत बहुत आभार. वैसे एक और भी धन्यवाद बकाया है आपका. यूनुस जी के ब्लॉग पर आपने जो भूपेन हजारिका के एलबम का लिंक दिया था वो हमने डाउनलोड किया था. सोचा था कि जब आप कोई नयी पोस्ट लिखेंगे तो शुक्रिया कह लेंगे पर काफ़ी दिनों से आपने कुछ लिखा ही नहीं. यहीं कह लेते हैं. धन्यवाद.
@ अजित जी: तो आप पूर्व जन्म को मानते हैं. पिछले जन्म में हम भी मानते थे.
@ अरुण जी: धन्यवाद. भूतनाथ भी रिलीज होने को है.
@ मनीष जी: बहुत धन्यवाद.
@ अवधिया जी: बहुत धन्यवाद.
@ अरुण जी: सही कहा आपने. अब तो दोस्त बनकर टोस्ट उठाने का इरादा है.
@ सुजाता जी: धन्यवाद. आपका हमेशा स्वागत है.
@ अफलातून जी: शुक्रिया.
@ हर्षवर्धन जी: आभार आपकी हौसला अफजाई के लिए.
@ प्रशांत जी: गीत तो गीत है. आप अपनी ओर से भी कुछ कह सकते हैं. वैसे बढाई हो क्या? शेव तो रोज करते हैं जी.
@ राजेश जी: कुछ लाभ हैं जी परदे के पीछे से काम करने में. जिक्र करते हैं अगली पोस्ट में.
@ रक्षंदा जी: आपकी दुआओं के लिए बहुत शुक्रिया.
@ लवली जी: धन्यवाद. तांत्रिक तो क्या कहें अपने आप को, बस एक छोटा सा ऑनलाइन कोर्स किया हुआ है तंत्र-मंत्र में, तो सायबर भूतों को भगाने के कुछ उपाय जानते हैं. आप चाहें तो आपको भी सिखा सकते हैं.
@ पंकज जी: बहुत धन्यवाद, इस विशेषण के लिए भी.
@ ज्ञान जी: आभार. आपसे बहुत कुछ सीखना है.
@ अनूप जी: बहुत धन्यवाद. आप तो एक स्कूल हैं हिन्दी ब्लॉगिंग का. नए लोगों के लिए प्रेरणा.
@ डॉ. टंडन: धन्यवाद.
@ भुवनेश जी: अरे नहीं जी. इरादतन कुछ नहीं करते. बस गलतियां हो जाती हैं. सुधर जायेंगे धीरे धीरे.
हा हा हा.. सही है जी.. चलिये आज पता चल गया की भूत भी सेव करते हैं... :D
abe, too sachamuch bhoot ho jaaegaa. pratham aagaman paitanaaa svaagat aur shaayad hee kis33 kqq huqq hogqq. qb likhqnqq cqqloo kqr. kyqq lBACHCHON KEE jaan legaa?
छमा चाहते हैं, हमें न्यौता बड़ी देर के बाद मिला। :)
हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, आप हिन्दी में बढ़िया लिखें और खूब लिखें यही उम्मीद है।
॥दस्तक॥
तकनीकी दस्तक
गीतों की महफिल
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