लेकिन टिप्पणियां पाना इतना भी आसान काम नहीं. इसके लिए बहुत मेहनत की दरकार होती है. पहले तो ये कि आप को अच्छा और रोचक लिखना आना चाहिए. किसी ऐसे विषय पर आपकी पकड़ होनी चाहिए जिसमें लोगों की रूचि हो. दूसरे ये भी कि अपनी पोस्ट (और चिट्ठे) का प्रचार करना आना चाहिए, अब कोई फ़िल्म कितनी भी अच्छी क्यों न बनी हो, बिना पब्लिसिटी के हिट हो सकती है क्या? बिल्कुल नहीं. तो आप अपनी पब्लिसिटी कैसे करते हैं? इसका सबसे आसान तरीका है, दूसरों के चिट्ठों पर टिपियाना. अगर अगले में थोड़े भी सोशल एटिकेट्स होंगे, तो भागा हुआ आएगा आपका टिप्पणी ऋण चुकाने.
लेकिन बात सुनने में आसान लगने के बावजूद ऐसी है नहीं. आख़िर एक दिन में आप कितनी पोस्ट पढ़ सकते हैं? बीस, पच्चीस. फ़िर कितने पर टिपिया सकते हैं? क्या आपके चिट्ठे की सेहत के लिए इतनी संख्या काफी है? जवाब है, बिल्कुल नहीं. ऊपर से लोग भी समझदार हो चले हैं. अगर आप बिना पढ़े टिपिया दिए, तो झट से ताड़ जाते हैं. पलट कर टिपियाना तो दूर की बात उल्टे और लोगों से आपकी शिकायत करते हैं. अब क्या किया जाए?
परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं. अब घोस्ट बस्टर लेकर आए हैं, आपकी सभी टिप्पणी सम्बंधित समस्याओं का आसान और प्रभावशाली निदान: स्वतः टिप्पणी रचक (ऑटो कमेन्ट जनरेटर) सॉफ्टवेयर, "टॉप-टीप". इस की मदद से आप जब चाहें, जिस भी ब्लॉग पर चाहें टिपियाते रह सकते हैं, बिना किसी पोस्ट को पढ़े. बस आपको अपना कंप्यूटर (और ये सॉफ्टवेयर) चालू रखना होगा. जी हाँ, यही है आज के हर समझदार ब्लॉगर की पहली पसंद, अब आपके लिए भी उपलब्ध. पिछले दो वर्षों से इसके बीटा वर्जन की टेस्टिंग चल रही थी. कुछ वोलंटीयर्स (इन्हें तो आप जानते ही हैं) के अनुभवों के आधार पर हमने इसे और बेहतर बनाने का कार्य किया है. आज ही इसका ट्रायल वर्जन डाउनलोड कीजिये और ख़ुद आजमा कर देखिये.
"टॉप-टीप" कैसे कार्य करता है?
मुख्य रूप से इसके तीन मोड ऑफ़ ऑपरेशंस हैं.
१) फास्ट मोड (कम समय में ज्यादा लाभ) -
इसमें आपको पहले से तैयार एक टिप्पणी बैंक दिया जाता है. आपको करना सिर्फ़ ये होता है कि चिट्ठे के URL के साथ अपनी मनपसंद की कुछ टिप्पणियों को असोसिएट कर दें. जब भी इस चिट्ठे पर कोई नयी पोस्ट आयेगी, तो आपकी चुनी हुई टिप्पणियों में से कोई भी एक टिप्पणी उस पोस्ट पर चेंप दी जायेगी.
इस मोड का इस्तेमाल किन चिट्ठों पर करें?
ये मोड उन चिट्ठों के लिए बेहतरीन उपाय है जहाँ केवल एक ही तरह की पोस्ट लिखी जाती हैं. जैसे कि कविताओं-कहानियो वाले चिट्ठे, फिल्मी/गैर फिल्मी गीतों के पौड्कास्ट वाले चिट्ठे, एकरसता से भरपूर तथाकथित संवेदनशील पोस्ट पेलने वाले चिट्ठे वगैरह वगैरह, जहाँ पोस्ट मैटर लगभग हमेशा ही एक जैसा ही रहता है.
इस मोड का लाभ -
गति. इस मोड में आप प्रति मिनिट दो से तीन टिप्पणियां कर सकते हैं, चूंकि टिप्पणी पहले से ही तैयार रहती हैं. यदि आपके पास समय कम है तो ये मोड़ बड़े काम का है. केवल पन्द्रह मिनिट में आप पैंतीस-चालीस पोस्ट्स पर टिप्पणियां भेज सकते हैं.
कुछ सेम्पल एप्रोक्सिमेट टिप्पणियां:
१. वल्लाह! क्या बात है.
२. लाजवाब लिखा है आपने.
३. इन मुद्दों के प्रति आपकी संवेदनशीलता अद्भुत है.
४. मन को कहीं भीतर तक छू गयी ये रचना.
५. काफी कुछ सोचने पर मजबूर करती है आपकी ये पोस्ट.
२) इफेक्टिव मोड (धीमा परन्तु ज्यादा प्रभावकारी) -
यदि आप दूसरे ब्लॉगर पर अपनी टिप्पणी का ज्यादा गहरा प्रभाव छोड़ना चाहते हैं तो एक बिल्कुल व्यक्तिगत किस्म की टिप्पणी के लिए यह मोड बिल्कुल उपयुक्त है. इस मोड में हमारा सॉफ्टवेयर न्यूरो फजी लॉजिक का इस्तेमाल करते हुए ऐसी कमाल की टिप्पणी रचता है कि आप ख़ुद उसे पढ़कर दंग रह जायेंगे. इसके लिए ये पोस्ट को पढ़कर उसमें से कुछ की-वर्ड्स छांटता है. पूरी पोस्ट का खाका समझने के बाद ये अपनी टिप्पणी रचता है. उस पोस्ट पर आए अन्य कमेंट्स तो नजर में रखे ही जाते हैं, कभी-कभी आवश्यकता होने पर पोस्ट में से या किसी पिछले कमेन्ट में से कोई वाक्य उद्धृत भी करता है.
कहाँ प्रयोग करें?
जिन ब्लॉग्स पर विषय की विविधता होती है, और जहाँ गंभीर किस्म का चिंतन चलता है. ऐसे ब्लॉग्स पर केवल सतही टिप्पणी आपके मूल उद्देश्य (यानी रिटर्न टिप्पणी पाना) की पूर्ति नहीं कर सकती. तो आपको वहां इस मोड को काम में लेना चाहिए. इसे वहां भी परख सकते हैं जहाँ केवल एक ही किस्म की पोस्ट होती हैं, जैसे कि राजनीतिक विश्लेषण या व्यंग्य, लेकिन नामी ब्लॉगरों द्वारा. वहां भी इन बड़े विद्वानों के बीच केवल एक लाइन की टिप्पणी देंगे तो कोई आपको नोटिस भी नहीं करेगा. अगर रिटर्न टिप्पणी की गारंटी चाहिए तो आपको अपना बुद्धि कौशल दिखाना ही पड़ेगा.
इस मोड के लाभ-हानि:
लाभ तो जाहिर ही हैं. आपकी विद्वत्ता और जानकारियों की धाक जमेगी. आपके ब्लॉग पर ज्यादा ट्रैफिक आएगा. हानि केवल यह है कि एक टिप्पणी में तीन से पाँच मिनिट का समय लगता है. इस प्रकार केवल बीस-पच्चीस टिप्पणियों में ही घंटे भर से ज्यादा समय लगेगा. आपको अपना कंप्यूटर ऑन रखना होगा. हलाँकि आप चाहें तो इस दौरान कोई किताब पढ़ सकते हैं या कोई भी अन्य काम कर सकते हैं.
सेम्पल टिप्पणियां:
इस मोड की टिप्पणियां पोस्ट पर आधारित होती हैं. डिटेल में समझाने के लिए यहाँ पोस्ट को भी देना पड़ेगा, और कुछ गलतफहमियां खड़ी हो सकती हैं. इसलिए कोई सेम्पल नहीं दे पा रहे हैं. आप स्वयं सॉफ्टवेयर में ही टेस्ट करके देखें.
३) स्पेशल मोड (एक अलग अप्रोच) -
इस मोड की टिप्पणियों का पोस्ट से कोई खास लेना-देना नहीं होता. वे इस बात पर निर्भर करती हैं कि उस ब्लॉगर से आपके कैसे व्यक्तिगत सम्बन्ध हैं और उस ब्लॉगर की पिछली पोस्ट्स पर आप क्या कमेन्ट देते रहे हैं. इस स्पेशल मोड में किसी भी चिट्ठे के प्रति आप तीन लेवल सेट कर सकते हैं: सपोर्ट, अपोस या न्यूट्रल. आपके सेट किए गए लेवल के आधार पर हमारा अत्याधुनिक और इंटेलिजेंट सॉफ्टवेयर अपने आप तर्क-वितर्क पूर्ण टिप्पणियां चुन कर उन्हें पोस्ट पर चिपका देगा. आपका उद्देश्य पूरा हो जायेगा.
अभी हाल ही में हमने अपने उत्पाद में एक और जबरदस्त फीचर को शामिल किया है जिसे हमने
नाम दिया है 'हवा का रुख'. अगर आप चाहें तो सैटिंग्स को इस प्रकार एडजस्ट कर सकते हैं कि आपकी टिप्पणी उस लेख पर आपसे पहले आयी टिप्पणियों का ही अनुगमन करेगी. इसके लिए हमारा शानदार सॉफ्टवेयर इस बात की पड़ताल करता है कि आपसे पहले की टिप्पणियों का स्वर किस दिशा में है. विरोध और समर्थन को प्रतिशत में तौलते हुए वह आपकी टिप्पणी तैयार करता है. पचास प्रतिशत से ज्यादा टिप्पणियां जिस दिशा में हों, उसी स्वर में आपकी भी टिप्पणी लिख दी जाती है. लेकिन किसी पोस्ट पर इस फीचर का उपयोग करने के लिए आवश्यक है कि उस पोस्ट पर कम से कम सात टिप्पणियां पहले से मौजूद हों.
तो देखा आपने कितने काम का है हमारा ये स्वतः टिप्पणी रचक सॉफ्टवेयर, "टॉप-टीप". तो अब इन्तजार कैसा? तुंरत इसका फुली फंक्शनल ट्रायल वर्जन डाउनलोड कीजिये और ख़ुद आजमा कर देखिये.
ट्रायल वर्जन लिमिटेशन: हर दसवीं टिप्पणी के अंत में ये शब्द जोड़ दिए जायेंगे:
"यह टिप्पणी "टॉप-टीप" सॉफ्टवेयर की मदद से की गयी है."
एक बार आप सॉफ्टवेयर को हमारे यहाँ रजिस्टर करवा लेते हैं तो आपको एक कोड भेज दिया जायेगा, जिसे "टॉप-टीप" में भरकर आप इस नेग से निजात पा सकते हैं.
-------------------------------------------------------
पुनःश्च: हमारा सॉफ्टवेयर अभी वर्ड वेरिफिकेशन की दीवार को फांदने में सक्षम नहीं है. ऐसे चिट्ठों पर आपको मेन्युअली ही कमेन्ट करने होंगे. इस असुविधा को टरकाने के लिए लोगों से अनुरोध करते रहें कि वे वर्ड वेरिफिकेशन को अपने चिट्ठों से तुंरत हटा लें. (वैसे हम इसका कोई परमानेंट उपाय ढूँढने में लगे हुए हैं. अगले वर्जन में इसे भी शामिल कर लिए जाने की उम्मीद है.)
26 comments:
मैं तो इसके समर्थन में बिल्कुल नही हू.. टिप्पणी करने से पहले हमेशा ब्लॉग को अच्छे से पढ़ा जाना चाहिए.. उसके बाद टिप्पणी करनी चाहिए.. जैसा मैं हमेशा करता हू..
"यह टिप्पणी "टॉप-टीप" सॉफ्टवेयर की मदद से की गयी है." :)
कुश जी: देखिये श्रीमान वोलान्तीयर महोदय, आपकी ये टिप्पणी अपनी अनुबंध शर्तों के ख़िलाफ़ है.
लाजवाब लिखा है आपने.
यह टिप्पणी "टॉप-टीप" सॉफ्टवेयर की मदद से की गयी है."
पहले मेरे ब्लॉग पर टिप्पणियों का कोई ठिकाना नही होता थाआआआ ....
कभी घटिया कार्टून पर भी २०-२० कमेन्ट आ जाते थेऐऐऐऐऐऐ.............
और कभी अच्छे कार्टून पर दो के भी वांदे हो जाते थेऐऐऐऐऐऐ.............
फ़िर मैंने घोस्ट बस्टर शौपिंग का "टॉप-टीप". अपनाया इसकी मदद से अब में बिना भेजा खपाए ढेरों टिप्पणिया कर सकता हूँ जिसके बदले में मुझे भी ढेरों टिप्पणिया मिल जाती हैं ..... थेंक्स तो "टॉप-टीप".
:D
एक स्वचालित पोस्ट क्रिएटर साफ्टवेयर तैयार है। जिन्हें चाहिए वे इस लिंक http://jhhakajhhaktimes.blogspot.com/
से डाउनलोड कर सकते हैं अथवा पंगेबाज जी से तुरंत संपर्क करें।
ऐसी टिप्पणी देना "टॉप-टीप" सॉफ्टवेयर के बस से बाहर है."
मैं पहले अपनी पोस्ट पर टिप्पणी न मिलने से बहुत दुखी रहता थाआआआ..फिर मेरे एक ब्लॉगर दोस्त ने बताया कि टिप्पणी पाने के लिए टिपण्णी करना भी पड़ता है...मुझे टिप्पणियां करने का समय बिल्कुल नहीं मिलता था...फिर मेरे एक ब्लॉगर दोस्त बोर्ड डस्टर ने बताया कि उनके एक ब्लॉगर दोस्त घोस्ट बस्टर ने टीप-टॉप नामक एक टिप्पणी सॉफ्टवेर बनाया है जिसे कम्यूटर में लगा लेने से टिप्पणियां ख़ुद लिखकर पोस्ट हो जाती हैं...मैं टीप-टॉप का इस्तेमाल किया...अब मेरी टिप्पणियों के जवाब में मुझे ढेर सारी टिप्पणियां मिलती हैं...मेरा ब्लॉग हिट हो गया...मुझे अब टिप्पणी न मिलने की वजह से होने वाला दुःख कभी भी पास नहीं फटकता.
आप भी इस सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करके दुखी होने से बच सकते हैं...आईये एक और ब्लॉगर से मिलते हैं, जिनका नाम है मार्निंग रूस्टर...जो हमें बताएँगे कि उन्हें इस सॉफ्टवेर से क्या मिला...
Wow.....
Please send me a Copy now.
People are very angry with me that I never Comments on their Blog.
I have also written an article about Commenting and told is profit.
Look http://hi.pratham.net/2008/09/all-about-commenting.html
So, understanding my needs, Send me a Copy as soon as Possible.
Ankit
http://hi.pratham.net
अविनाश जी: ऐसी कोई टिप्पणी नहीं जो हमारा सॉफ्टवेयर नहीं कर सकता, पर हमने जानबूझकर ऐसी टिप्पणियों को अपने प्रोग्राम में बाय डिफौल्ट ऑफ़ किया हुआ है. कारण ये है कि जिन टिप्पणियों में आप अपने ब्लॉग का URL छोड़ते हैं, वे स्पैम की श्रेणी में आ जाती हैं और ऐसे टिप्पणियों से किसी लाभ की आशा नहीं रहती. :-)
अंकित जी: ट्रायल वर्जन की डाउनलोड लिंक पोस्ट में दी हुई है. आप वहां से डाउनलोड कर सकते हैं. :-)
और मैंने आपकी पोस्ट भी पढ़ ली है. अच्छी जानकारी दी है आपने नए लोगों के लिए.
मान गए उस्ताद !
यह टिप्पणी "टॉप-टीप" सॉफ्टवेयर की मदद से नहीं की गयी है."
गुड आइडिया :)
यह टिप्पणी "टॉप-टीप" सॉफ्टवेयर की मदद से नहीं की गयी है."
ऊपर वाली टिप्पणी से यह पंक्ति अगवा कर ली गई है
हम गलत नहीं कह रहे थे। घोस्ट बस्टर बैताल की तरह कभी एक डाल पर नहीं बैठ पाते। पहले अभय फ़िर रक्षंदा और अब समीरलाल। कभी तो कोई काम मन लगा के करो भाई!
छा गये गुरु,ये अपुन की ओर
से ओरिजिनल कमेन्ट है।दो टुकडो मे भेज रहा हु ताकि कोइ टाप न ले
मेरा अगला पोस्ट
हैक: टीप टाप टीप्पनी "टीप-टाप साफ्टवेयर को क्रैक करें"
:)))))
ये भी खूब जुगाड किया है आपने ..
पर समीर भाई की तस्वीर टीप्पणी के सोफ्ट वेयर बोक्स पर क्यूँ ? :)
Is there some sulimel message of sorts ?
घोस्ट बस्टर जी का कोपी राईट होना चाहीये ना !
- लावण्या
हमारा फोटू..हम तो वही देखकर चले आये. ऐसे साफ्टवेयर बांटोगे तो यहाँ तो पूरा धंधा ही बैठवा दोगे, मित्र. :) सोचे लम्बा हो मगर. हा हा!!
अपना संदेश पढाने के लिए आपने पुरी मेहनत की है व पढने वाले से भी पुरी मेहनत करादी |वाह क्या आईडिया है
जबरदस्त सोफ्टवेयर है ये तो अभी डाउनलोड करके सभी ब्लोगस में चलाते हैं, इसके दूसरे वर्जन के लिये कुछ सुझाव। जिसमें ४०-५० ब्लोगरस का नाम और उनकी बनायी टिप्पणी डालकर अपने खुद के ब्लोग में चलाने की सुविधा हो। यानि यहाँ पोस्ट लिखी और वहा ये सोफ्टवेयर एक एक करके सब के नाम से टिप्पणी डाल दे।
हिन्दी ब्लोग्गिन अब अपने दुसरे फेस में हैं अब लेखकों को अपने कंटेंट का स्तर सुधार कर टिप्पणियों पर ज्यादा ध्यान दिए बिना ट्रैफिक को बढ़ने पर ज़ोर देना चाहिए, वो लोग जो ख़ुद ब्लॉगर हैं यदि आकर आपको टिपण्णी दें तो कोई बड़ी बात नही, आपके ब्लॉग पर कोशिश करें कि वो लोग आयें जिन्हें पता ही नही कि हिन्दी ब्लॉग्गिंग भी एक्सिस्ट करती है और यहाँ भी काम के कंटेंट हैं.
अनूप जी:
(१) आपने पढ़ा नहीं, अभय भाई का कहना है कि बात को अभय तिवारी बनाम घोस्ट बस्टर न बनाकर, इस्राइल बनाम फिलिस्तीन रखा जाए तो बेहतर हो. मेरा भी यही सोचना है. आप क्यों उत्सुक हैं कि बात व्यक्तियों पर ही अड़ी रहे? क्या मंशा है?
(२) रख्शंदा की पोल मैंने खोल दी है. समझदार लोग समझ भी चुके हैं. मेरी जिस पोस्ट को आप ब्लॉगर प्रोफाइल की पोस्ट कहके बचकर निकल गए, उसे पढ़ा होता तो कई सवालों का जवाब मिल जाता. उस पोस्ट पर आपकी कोई टिप्पणी नहीं आयी. क्षमा कीजिये (वैसे हमें पता है कि आपको इन शब्दों से नफरत है, फ़िर भी कीजिये) आपकी रूचि इसमें ज्यादा लगती है कि बात में गरमी बनी रहे. क्या मंशा है?
(३) वर्तमान पोस्ट में अपने प्रोडक्ट के प्रचार के लिए हमने समीर जी को अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया हुआ है. इसलिए उनका चित्र बॉक्स के ऊपर है. अब अगर आप क्रिकेट का बैट बेचेंगे तो महेंद्र सिंह धोनी के अलावा किसे विज्ञापन हेतु अनुबंधित करेंगे? मुथैया मुरलीधरन को? आपको इसमें क्या आपत्ति है? क्या मंशा है?
हमें लग रहा है कि आप लोगों को भिडाकर तमाशबीन बनकर मौज लेने में ज्यादा रूचि रखते हैं. लेकिन हम आपके बहकावे में आने वाले नहीं. :-)
.
ॐ तू चीज बड़ी है मस्त मस्त स्वाहाः
ॐ बस्टर जी जरा धीरे चलो स्वाहाः
ॐ आगरा मानसिक आरोग्यशाला स्वाहाः
ॐ तैय्य्यब अली ब्लाग का दुश्मन स्वाहाः
ॐ अलिंगी बृहन्नलाय जयति स्वाहाः
ॐ बन्नो तेरी अँखियाँ कूड़ेदानी स्वाहाः
ॐ चोली के पिच्छै क्या है स्वाहाः
ॐ अररर घाघरो रे खिसक्यौ स्वाहाः
ॐ इस बस्टर के बप्पा का नाम क्या है स्वाहाः
ॐ बाँहों में चले आओ मुझसे क्या परदा स्वाहाः
ॐ सरकाय लेयो खटिया जाड़ा लगे स्वाहाः
ॐ अनंत खुज़ली ज़ालिम लोशन गठबंधन स्वाहाः
ॐ बुद्धि कायम चूर्ण भंजक स्वाहाः
टीप टाप साफ़्टवेयर करप्ट हो गया है, कोई मदद करो
पता नहीं कैसी बेलगलाम टिप्पणियाँ हग रहा है
मैं चूतिया सरीखा तक रहा हूँ, चुन्ने काटते ही जा रहे हैं
अबे घोस्ट बस्टर, यह क्या बना डाला तुमने ?
लावण्या मैम: अपने सॉफ्टवेयर को बेचने के लिए हमें समीर जी की विज्ञापन सेवा की आवश्यकता थी. उनका चित्र केवल इसीलिए डब्बे के ऊपर दिया है. इसका कोई और अर्थ नहीं है, जैसा कि अनूप जी शरारतपूर्वक इशारा कर रहे हैं. कृपया उनकी बात पर ध्यान मत दीजिये.
समीर जी: आप तो निर्विवाद रूप से ब्लॉग जगत के महेंद्र सिंह धोनी हैं. अगर शीर्षक में आपका नाम हो तो ही पोस्ट हिट हो जाती है. यही सोचकर हमने आपको अपने प्रोडक्ट का ब्रांड एम्बेसडर चुना है. देखिये आपकी तस्वीर देखकर ट्रायल वर्जन के २४ डाउनलोड हो भी चुके हैं. आख़िर हमने बेचने के लिए ही तो बनाया है ये सॉफ्टवेयर.
तरुण जी: इसमें तो बड़ा पंगा हो जाएगा. दूसरे ब्लॉगर्स चढ़ बैठेंगे कि हमने तो कोई टिप्पणी की ही नहीं, फ़िर ये कैसे हमारे नाम से टिप्पणी आ गयी दूसरे ब्लॉग पर. तो इसमें तो बदनामी का डर है. लीगल केस भी बन सकता है (सायबर क्राइम विशेषज्ञ बेहतर बता सकते हैं). सही नीति यही है कि टिप्पणी दो - टिप्पणी लो, जो हमारा ये सॉफ्टवेयर बखूबी करता है.
डॉ अमर कुमार जी: ये और कुछ नहीं हमारे सॉफ्टवेयर में अन्तःनिर्मित एंटी पायरेसी फीचर का कमाल है. इलीगल कॉपी से ऐसी ही अनाप-शनाप टिप्पणियां होंगी. अनुरोध है कि आज ही ओरिजिनल कॉपी खरीदें, औरों को भी ऐसी ही सलाह दें.
मैं तो इसकी एक दर्जन कापियां डाऊनलोड करूंगा. काम कितना हलका हो जायगा अब. घोस्ट बस्टर को घोस्ट-अनुमोदन!!
-- शास्त्री
-- ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसने अपने विकास के लिये अन्य लोगों की मदद न पाई हो, अत: कृपया रोज कम से कम 10 हिन्दी चिट्ठों पर टिप्पणी कर अन्य चिट्ठाकारों को जरूर प्रोत्साहित करें!! (सारथी: http://www.Sarathi.info)
बिग बॉस कमाल
गोल तश्तरी को बक्से में डाल
इस महापोस्ट ने मचा दिया बबाल
लोग आप टिप्पणी करने से कतरा रहें हैं
भैया जी आजकल कई पोस्ट कुंवारे ही रह जा रहे हैं
लेकर आए साफ्ट वेयर टाप-टीप
और दिए कई आँगन लीप
आम सवाल है
समीर भाई की तस्वीर टिप्पणी के सोफ्ट वेयर बॉक्स पर क्यूँ ?
जवाब भी कमाल है
जहाँ एक जबलपुरिया हो वहाँ दूसरा क्यूं...?
बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाईयाँ
"शुभ काम न आए"
गिरीश बिल्लोरे मुकुल
जबलपुर
खूब तरंग भई ...
यह ऑरीजिनल टिपिया है भाई ...
Post a Comment